Saturday, March 5, 2011

अजीब दास्ताँ है दोस्ती ♥


अजीब दास्ताँ है दोस्ती की . .
लड़ना मिलने से भी अच्छा लगता हैं . .
लड़ के मनाने वाले भी होते है कुछ . .
तो कुछ को चिढाना अच्छा लगता हैं . .
दोस्त के मुह से कुछ सुनने के लिए . .
कभी रुक जाना भी अच्छा लगता हैं . .
सफर ट्रेन का हो या जिंदगी का . .
खत्म ही नहीं होती बातें फिर भी . .
खामोश रहकर मुस्कराना अच्छा लगता हैं . .
चार दोस्तों में लगता है मिल गयी सारी दुनिया . .
बाकी सब भूल जाना अच्छा लगता है । । ☺

1 comment:

  1. लड़ के मनाने वाले भी होते है कुछ . .
    तो कुछ को चिढाना अच्छा लगता हैं . .
    दोस्त के मुह से कुछ सुनने के लिए . .
    कभी रुक जाना भी अच्छा लगता हैं . .
    waah, bahut badhiyaa

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