Wednesday, September 29, 2010

कोई दीवाना कहता है - कुमार विश्वास

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है..
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है..
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है..
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है..

मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है..
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है..
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं..
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है..

समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता..
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता..
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले..
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता..

भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा..
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा..
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का..
मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा..

बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेडे सह नहीं पाया..
हवाओं के इशारों पर मगर मै बह नहीं पाया..
अधूरा अनसुना ही रह गया ये प्यार का किस्सा..
कभी तू सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया..

Friday, September 24, 2010

कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ ♥


"कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ या दिल का सारा प्यार लिखूँ ..

कुछ
अपने जज़्बात लिखू या सपनो की सौगात लिखूँ ..

मैं
खिलता सूरज आज लिखू या चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ ..

वो
डूबते सूरज को देखूँ या उगते फूल की सांस लिखूँ..

वो
पल में बीते साल लिखू या सदियों लम्बी रात लिखूँ..

सागर
सा गहरा हो जाऊ या अम्बर का विस्तार लिखूँ..

मैं
तुमको अपने पास लिखू या दूरी का एहसास लिखूँ..

मै
अंधे के दिन मै झाँकू या आँखों की मै रात लिखूँ..

वो
पहली पहली प्यास लिखू या निश्छल पहला प्यार लिखूँ..

सावन
की बारिश में भीगूँ या आँखों की बरसात लिखूँ..

मै
हिन्दू मुस्लिम हो जाॐ या बेबस इंसान लिखूँ..

मै
एक ही मजहब को जी लूँ या मजहब की आंखे चार लिखूँ..

कुछ
जीत लिखू या हार लिखूँ या दिल का सारा प्यार लिखूँ ॥"

-
दिव्य प्रकाश दुबे

Monday, September 20, 2010

Meet The World's Tallest Teen 6'9" Brazilian - Elisany Silva

14 वर्षीय एलिसनी सिल्वा का जन्म 27 सितंबर 1995 को हुआ था। वह दुनिया की सबसे ज्यादा लंबाई वाली लड़की है। इनकी लंबाई 206 सेंटीमीटर है। ब्राजील के Bragança नामक एक छोटे गांव में रहने वाली एलिसनी सिल्वा के बारे में डॉक्टरों को शक है कि वह एक दुर्लभ बीमारी गिगंतिस्म (gigantism) से पीड़ित है जो की वृद्धि हार्मोन के अत्यधिक स्राव के कारण होता है। अधिक लम्बाई होने की वजह से एलिसनी को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा, उन्हें अपना स्कूल छोडना पड़ा वो भी सिर्फ इसलिए क्योकि वह स्कूल की बस में बैठने में असमर्थ थी, इसी तरह एलिसनी जब भी अपने घर में सीधी खड़ी होती है उनका सर छत पर टकरा जाता है। एलिसनी सिल्वा तमाम परेशानियों के बाद भी अपनी जिंदगी से खुश है और वह एक सुंदर और महत्वाकांक्षी मॉडल बनना चाहती है। So Best of luck Elisany :)

















Tuesday, September 7, 2010

भक्त और भगवान (हास्य रस)

भक्त एक शिव का चला शिव को मनाने के लिये..
फूल दो और एक लोटा जल चढाने के..
शिवजी के मंदिर जा शिवजी के सन्मुख बैठकर..
स्तुति करने लगा शिव को रिझाने के लिये..
कर चुका कुछ देर फिर हो गया उठ के खड़ा..
हाथ ऊपर को बढाया घंटा बजाने के लिये..
देख सोने का घंटा पड़ गया वह लोभ में..
भूल बैठा वह फूलो को और जल चढाने के..
अब तो घर ले जाऊ इसको यह बड़ा है कीमती..
देर मुझको क्या लगेगी इसको छुपाने के लिये..
खोलने के वास्ते जब हाथ न पंहुचा वहां..
चढ़ गया शिवजी के ऊपर घंटा चुराने के लिये..
देख कर यह उसकी भक्ति हो गए शंकर मगन..
झट हुए शिवलिंग से प्रकट दर्शन दिखाने के लिये..
देख कर अदभुत चरित्र वो थाली लोटा छोड़कर..
हो गया तैयार वह तो भाग जाने के लिये..
बोले शिव शंकर पकड़ उसे तू कहाँ जाता भक्त..
मैं तो आया हु तुझे दर्शन दिखाने के लिये..
भूल के जो एक लोटा जल चढ़ा देता मुझे..
उसके भर देता हूँ मैं खाली खजाने के लिये..
तुने तो काया सकता मुझपे निछावर है किया..
देर फिर कैसे लगाता भक्त आने के लिये..
मन चाह वर दे दिया उस चोर को देखो महान..
भोले बन जाते है भोले कहलाने के लिये..
भक्त एक शिव का चला शिव को मनाने के लिये..

Thursday, September 2, 2010

श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव, आलमबाग लखनऊ

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!!
- सोमेन्द्र कटारिया



"यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मान.म सृजाम्यहम
परित्राणाय साधुनाम विनाषाय च दुष्कृताम
धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे"



मचो गोकुल में है त्यौहार, भयो नन्द लाल
खुशिया छाई है अपरम्पार, भयो नन्द लाल

मात यशोदा का है दुलारा,
सबकी आँखों का है तारा
अपनों गोविन्द मदन गोपाल
......... भयो नन्द लाल

मात यशोदा झूम रही है
कृष्णा को वो चूम रही है
झूले पलना मदन गोपाल
......... भयो नन्द लाल

देख के उसकी भोली सुरतिया
बोल रही है सारी सखिया
कितनो सुंदर है मदन गोपाल
......... भयो नन्द लाल