*̡̡ ̴̡ı̴̴̡ ̡̡͡|̲̲̲͡͡͡ ̲▫̲͡ ̲̲̲͡͡π̲̲͡͡ ̲̲͡▫̲̲͡͡ ̲|̡̡̡ ̡ ̴̡ıगूगल इन्टरनेट बस लखनऊ में ¸¸.•*¨*•♫
Sunday, February 27, 2011
Tuesday, February 8, 2011
तुम याद आते हो ये तो गलत बात है ♫
तुम याद आते हो ये तो गलत बात है।
दिल में हमेशा रहते हो क्यों छोड़ा ये जब साथ है।।
हम सोच के हारे है हम कौन तुम्हारे है,
अब आँख चुराते हो ये भी गलत बात है।
दिल में हमेशा रहते हो क्यों छोड़ा ये जब साथ है।।
बड़ी देर से हम समझे तुम फूल थे कागज़ के,
अब क्या जताते हो ये भी गलत बात है।
दिल में हमेशा रहते हो क्यों छोड़ा ये जब साथ है।।
मुझे छोड़ के राहों में तुम गैर की बाहों में,
अब रात बिताते हो ये भी गलत बात है।
दिल में हमेशा रहते हो क्यों छोड़ा ये जब साथ है।।

दिल में हमेशा रहते हो क्यों छोड़ा ये जब साथ है।।
हम सोच के हारे है हम कौन तुम्हारे है,
अब आँख चुराते हो ये भी गलत बात है।
दिल में हमेशा रहते हो क्यों छोड़ा ये जब साथ है।।
बड़ी देर से हम समझे तुम फूल थे कागज़ के,
अब क्या जताते हो ये भी गलत बात है।
दिल में हमेशा रहते हो क्यों छोड़ा ये जब साथ है।।
मुझे छोड़ के राहों में तुम गैर की बाहों में,
अब रात बिताते हो ये भी गलत बात है।
दिल में हमेशा रहते हो क्यों छोड़ा ये जब साथ है।।
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